28 July 2016

सूर्यनमस्कार कैसे करे ? और इसके लाभ देखे

 सूर्यनमस्कार कैसे करे ?  और इसके लाभ देखे surya namaskar in Hindi 

 surya namaskar in Hindi



दोस्तों आपने सूर्यनमस्कार के बारे में पढ़ा होगा या देखा होगा पर बहोत ही कम लोग इसे अपने रोजाना Life में करते होगे पर सूर्यनमस्कार के इतने सारे फायदे जानकर आप भी आज से ही सूर्यनमस्कार करना शुरू कर देंगे।  सूर्यनमस्कार के अनगिनत फायदे है।  सूर्यनमस्कार सभी योगासनों में सर्वश्रेष्ठ है।  और एकदम सरल है इसे कोई भी सिख सकता है।  सूर्यनमस्कार में कुल १२ आसन होते है, और इन १२ आसनो में हमारे शरीर का पूरा व्यायाम हो जाता है।  जो लोग सूर्यनमस्कार करते है वे सदैव स्वस्थ रहते है।  

पश्चिमी वैज्ञानिक गार्डनर रॉनी ने कहा है ''सूर्यनमस्कार श्रष्ठ औषधी है , उससे सर्दी, खासी , कोढ़ जैसे रोग भी दूर हो जाते है। 

डॉ. सोले ने कहा " सूर्यनमस्कार में जितनी रोगनाशक शक्ति है उतनी संसार के अन्य किसी चीज में नहीं है।


सूर्यनमस्कार से शरीर की रक्तसंचरण प्रणाली , श्वास प्रश्वास प्रणाली , और पाचन प्रणाली आदि पर असरकारक प्रभाव पड़ता है , यह अनेक प्रकार के रोगों को दूर करता है।  सूर्यनमस्कार के नियमित अभ्यास से शारीरिक और मानसिक स्फूर्ति के साथ विचारशक्ति और स्मरणशक्ति तीव्र होती है। 
यह हमारे जीवन को निरोगी ,स्फूर्तिदायक , और तेजोमय बनाता है।  


सूर्यनमस्कार का मतलब है '' सूर्य को अर्पण या नमस्कार करणा ''


सूर्यनमस्कार कैसे करे :-


सूर्यनमस्कार में १२ step होते है और १२ मंत्र उच्चारे जाते है।  प्रत्येक मंत्र में सूर्य के विभिन्न नाम है। 

१ ) ॐ मित्राय नमः  
२) ॐ रवये नमः  
३) ॐ सूर्याय नमः  
४ ) ॐ भानवे  नमः  
५ ) ॐ खगाय नमः  
६ ) ॐ पूष्णे  नमः 
७ )  ॐ हिरण्यगर्भाय  नमः 
८ ) ॐ मरीचाय नमः 
९ )  ॐ आदित्याय  नमः 
१०) ॐ सवित्रे  नमः 
११ )  ॐ अर्काय  नमः  
१२ )  ॐ भस्कराय  नमः    

प्रात: काल Fresh होकर एक आसन बिछाकर पूर्वाभिमुख खड़े हो जाए , आप चाहे तो किसी बगीचे या घर के Tarries पर भी सूर्यनमस्कार कर सकते है।  पर  ध्यान रहे सूर्यनमस्कार  खुले में ही करे।  किसी बंद कमरे या ऐसी जगह नहीं जहां सूरज की किरणे न पहुंच सके। 

सूर्यनमस्कार  में १२ आसन होते है। 


१) Pranamasana प्रणामासन :-

दोनों हाथ जोड़ कर उसे ह्रदय के पास रखे।  दोनों पैरो को भी आपस में जोड़ कर रखे और रीढ़ की हड्डी को सीधा रखे। इससे शरीर में ऊर्जा प्रवाहित  होती है।

२) Hasta uttanasana हस्त उत्तनासन :-


दोनों हाथ सर के ऊपर , हाथ सीधे कोहनिया तनी हुई। सिर और कमर से ऊपर का शरीर पीछे की और झुका हुवा और श्वास अंदर की तरफ खिंचे। 
 
३) Pada hastasana पाद हस्तासन :-

पुरे शारीर को आगे की और झुकाते हुए दोनों है और पैर सीधे ,दोनों घुटने और कोहनिया तनी हुई।  दोनों हाथ दोनों पैरो के पास जमीन से लगी हुई। ललाट  घुटनो से लगा हुआ। पर जरुरत से जादा शरीर को तकलीफ न दे धीरे धीरे आप को Practice हो जाएगी।  इस स्थिति में आते हुए श्वास  को बाहर छोड़े। 

४)  Ashwa sanchalasan अश्वसंचालासन:-

बयां पैर पीछे  उसका पंजा और घुटना धरती  से  लगा हुआ।  और दाया पैर छाती को लगाते हुए ऊपर आसमान की और देखे। इस दौरान आप  आप के दोनों हाथ पैरो के पास के जमीन को चिपके रहने  चाहिए। 

५) Parvatasana पर्वतासन :-

दाहिना पैर पीछे लेकर बाये पैर के पास दोनों हाथ पैर सीधे ,एड़िया जमीन से लगी हुई ,दोनों घुटने और कोहनिया तनी हुई कमर ऊपर उठाई हुई ,सिर घुटनो की और खींचा हुआ कमर को ऊपर उठाते समय श्वास को छोड़े।

६)  Sashtang namaskara साष्टांग नमस्कार:-

 ललाट ,छाती, दोनों हतेलिया, दोनों घुटने ,दोनों पैर के पंजे, ये आठ अंग धरती पर टिके हुए, कमर ऊपर उठाये हुए कोहनिया एक दूसरे की और खिंची हुई ५ वी स्थिती में छोड़ी हुई श्वास बाहर ही रोके। 


७) Bhujagangasana भुजंगासन :-

 अपने हाथो और पैरो की जगह ना बदलते हुए शारीर कमर से ऊपर उठा के आसमान को देखना है।  शरीर को उप्पर उठाते हुए श्वास भीतर ले। 

8) Parvatasana पर्वतासन :-

यहाँ पर फिर से आप को आसन ५ दोहराना है। 

9)  Ashwa sanchalasan अश्वसंचालासन:-


यह पर आपको बाय पैर आगे लाकर पैर का पंजा दोनों हतेलियो के बिच पूर्व स्थान पर ,दाहिने पैर का पंजा और घुटने धरती पर ठीके हुए। दृष्टी ऊपर की और होना चाहिए , (४ और ९ पीछे आगे जानेवाला पैर प्रत्येक सूर्यनमस्कार में बदले )

10)Pada hastasana पाद हस्तासन:-

आप को फिर से आसन ३ के जैसे करना है। 

11) Hasta uttanasana हस्त उत्तनासन:-

 इसमें आप को वापस आसन २ जैसे करना है। 

१२ )Pranamasana प्रणामासन :- 

यहाँ पर आपको मुद्रा एक पे वापस आना है। 



 सूर्यनमस्कार के लाभ :-

सूर्यनमस्कार में सभी आसनो के लाभ और सार छिपे है। 

१ ) Vitamin D मिलता है : 
सूर्यनमस्कार हम सुबह की सुनहरी धुप में करते है , जिससे हमे Vitamin D भरपूर मात्रा में मिलता है।  जिससे हमारी हड्डिया मजबूत बनती है और हमारी मासपेशिया भी मजबूत बनती है। 


२) पाचन श्वसन तंत्र अच्छा बनता है :-
 शरीर के सभी प्रणालियां जैसे की पाचन,श्वसन,प्रजनन और अंतरस्तावी ग्रंथी को संतुलन में फायदा मिलता है। 


३) शारीरिक आकर में बदलाव :-
बहोत से लोग बैठते समय झुककर बैठते है कंधे झुके हुए होते है , सूर्यनमस्कार करने से हमारे आकर में बदलाव होता है और एक अच्छा आकार हमारे शरीर को मिलता है।  और हमारा शरीर लचीला बनता है। 


४) चिंता तनाव तनाव दूर हो जाता है :- 
 सूर्यनमस्कार करने के पहले और बादमे  खुद ही आपको इसका असर महसूस होगा।  स्मरण शक्ति बढ़ती है हमारी नर्वस सिस्टम शांत होती है।  जिससे हमारा तनाव ख़त्म हो जाता है।  सूर्यनमस्कार से   Endocrine Glands खासकर Thyroid Glands की क्रिया Normal होती है। 


५) आखो और बालो के लिए फायदेमंद :-
सूर्यनमस्कार से हमारे आखो की रोशनी बढ़ती है और आँखों में तेज आता है ,और बालो से जुडी समस्या भी कई हदतक काम हो जाती है। 


६) अनियमित मासिकचक्र :- अगर किसी महिला को अनियमित मासिकचक्र की शिकायत है तो   सूर्यनमस्कार Regular करने से सब परेशानी दूर हो जाती है और प्रसूति के ४० दिन बाद पेट काम करने के लिए सूर्यनमस्कार बहोत उपयोगी है। 


७ ) Detox में फायदेमंद :-
१२ आसनो के दौरान साँस खीचना और छोड़ने से फेफड़ो तक शुद्ध ऑक्सीजन पहुचता है इससे हमारे खून तक ऑक्सीजन पहुचता है और शरीर में मौजूद जहरीली तत्व और Carbondioxide बाहर फेका जाता है। 


८ ) पेट की अतिरिक्त चरबी जल्द कम होती है :-
अगर आप अपना वजन कम करने के लिए Dieting करते हो तो उसे बंद कर दो क्यों की सूर्यनमस्कार करने से जितने जल्द हम अपना Weight Loss कर सकते है उतनी जल्द Dieting से नहीं। 


सूर्यनमस्कार का १ Round करने से १३. ९१ Calorie Burn होती है।  
१ राउंड में २४ आसन होते है १२ Left Leg और १२ Right Leg यदि हम सूर्यनमस्कार के १२ राउंड करते है तो १२ x २४ =166.९२Calorie Burn हो जाती है जो की एक घण्टे के जिम के बराबर है। 


९ ) झुर्रिया देर से आती है और स्किन के रोग दूर हो जाते है : -
 सूर्यनमस्कार हमारा Blood Circulation बढ़ता है जिससे हमारे चेहरे पर Glow आता है।  और सभी स्किन Problem से हमें छुटकारा मिलता है।  


१०) आपका स्वास्थ बढेगा और जीवन में फुर्ती रहेगी :-
सूर्यनमस्कार रोज करने से हमारे जीवन में चुस्ती - फुर्ती बढेंगे और हमारा स्वास्थ अच्छा रहेगा और हमारे जीवन में उत्साह बरकरार रहेगा। 



 सूर्यनमस्कार में सावधानिया :- 

  • बुखार जोड़ो का दर्द होने पर सूर्यनमस्कार न करे। 
  • अनियंत्रित B.P ,हर्निया, मिरगी , ह्रदय रोग , मेरुदंड , के गंभीर रोगियों ने सूर्यनमस्कार नहीं करना चाहिए। 
  • Spinal Cord  , पीठ दर्द के रोगियों ने सूर्यनमस्कार से परहेज करे। 
  • मासिक धर्म तथा गर्भावस्था के ४ महीने के बाद सूर्यनमस्कार नहीं करना चाहिए। 
  • यदि आप को कोई शंका हो तो आप Specialist या Doctor से परामर्श कर के सूर्यनमस्कार कर सकते हो।    

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